तलाश-ए-मंज़िल-ए-जाना इक बहाना था
तमाम उम्र मैं अपनी तरफ़ रवाना था
(तलाश-ए-मंज़िल-ए-जाना = प्रियतम की मंज़िल की खोज)
Finding you was an excuse
All my life I looked for myself
मैं उसको हश्र में किस नाम से सदा देता
के मेरा उसका तअर्रूफ़ ग़ाएबाना था
(हश्र = क़यामत), (सदा = आवाज़), (तअर्रूफ़ = जान-पहचान, परिचय), (ग़ायबाना = अप्रत्यक्ष, पीठ पीछे )
मैं उसको हश्र में किस नाम से सदा देता
के मेरा उसका तअर्रूफ़ ग़ाएबाना था
(हश्र = क़यामत), (सदा = आवाज़), (तअर्रूफ़ = जान-पहचान, परिचय), (ग़ायबाना = अप्रत्यक्ष, पीठ पीछे )
In calamity, what name would I call you with?
For our connection had no trace
अजब कशिश थी समंदर की सब्ज़ आँखों में
हर इक चश्म: उसी की तरफ़ रवाना था
(कशिश = आकर्षण, खिंचाव), (सब्ज़ = हरी), (चश्म:= पानी का सोता, छोटी नदी, झरना)
There was a strange attraction in ocean's eyes
अजब कशिश थी समंदर की सब्ज़ आँखों में
हर इक चश्म: उसी की तरफ़ रवाना था
(कशिश = आकर्षण, खिंचाव), (सब्ज़ = हरी), (चश्म:= पानी का सोता, छोटी नदी, झरना)
There was a strange attraction in ocean's eyes
Every stream was running towards them
मैं तेरी धुन में रवां था मुझे पता न चला
गुबार-ए-राह में शामिल ग़म-ए-ज़माना था
(रवां = बहता हुआ), (गुबार-ए-राह = रास्ते की धूल), (ग़म-ए-ज़माना = जमाने का ग़म)
मैं तेरी धुन में रवां था मुझे पता न चला
गुबार-ए-राह में शामिल ग़म-ए-ज़माना था
(रवां = बहता हुआ), (गुबार-ए-राह = रास्ते की धूल), (ग़म-ए-ज़माना = जमाने का ग़म)
I didn't realize enamored in your tune
The sorrows of the world were lost in road dust
The sorrows of the world were lost in road dust
अजब रंग था रिन्दों का तेरी महफ़िल में
थी प्यास जिसमें जितनी, मिला पैमाना था
(रिन्दों = शराबियों)
There was a strange color of the drunkards in your party
Everyone enjoyed however much they wanted
तुम्हारे दर से आता हूँ तो लोग कहते हैं
फ़क़ीर आता है लेकिन अदा शहाना था
(शहाना = शाहों जैसा, राजकीय)
फ़क़ीर आता है लेकिन अदा शहाना था
(शहाना = शाहों जैसा, राजकीय)
When I come from your place people say
He is a beggar but his style is royal
तुम्हीं ने थामा है तो संभला है तेरा दीवाना
नहीं तो आवारा दिल का कहाँ ठिकाना था
तुम्हीं ने थामा है तो संभला है तेरा दीवाना
नहीं तो आवारा दिल का कहाँ ठिकाना था
वही नहीं तो वर्क़ किस लिए सियाह करें
सुखन तो अर्ज़-ए-तमन्ना का एक बहाना था
(वर्क़ = पृष्ठ, पन्ना), (सियाह = काला), ((सुखन = कथन, कविता, काव्य)
समंद-ए-शौक़ था 'अमजद' रवां दवां जब तक
हमारे पीछे सितारों का आशियाना था
(समंद-ए-शौक़ = अभिलाषाओं का घोड़ा), (रवां दवां = भागता दौड़ता हुआ)
0 Comments