Doston ke naam yaad aane lage - Translation of an Adam Ghazal


Doston ke naam yaad aane lage

दोस्तों के नाम याद आने लगे

दोस्तों के नाम याद आने लगे
तल्ख़-ओ-शीरीं जाम याद आने लगे
(तल्ख़-ओ-शीरीं = कड़वे और मीठे)
I started remembering the names of my friends
I started remembering sweet and sour wines

वक़्त ज्यूँ ज्यूँ रायगाँ होता गया
ज़िन्दगी को काम याद आने लगे
(रायगाँ = व्यर्थ)
As time started passing along
Life started remembering its purpose

खूबसूरत तोहमतें चुभने लगीं
दिलनशीं इलज़ाम याद आने लगे
Beautiful critiques started pinching
I started remembering heartfelt blames 

फिर ख़याल आते ही शाम-ए-हिज्र का
मरमरी अज्साम याद आने लगे
(शाम-ए-हिज्र = जुदाई की शाम), (मरमरी = संगमरमर जैसा), (अज्साम  = जिस्म का बहुवचन)
When I remembered the evening of separation
I started remembering marble bodies

भूलना चाहा था उनको ऐ 'अदम'
फिर वो सुबह-ओ-शाम याद आने लगे
I wanted to forget my love O "Adam"
I started remembering my love day and night

-अब्दुल हामिद अदम

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